चांदी और उससे बने आभूषण खरीदने और बेचने वालों के लिए खरीद-फरोख्त के तरीके में बदलाव होने जा रहा है. सोने की तरह चांदी पर भी हॉलमार्किंग का नियम जल्द लागू होगा. सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है.
सोने और सर्राफा में हॉलमार्किंग को कुछ चरणों में लागू किया जा चुका है लेकिन चांदी पर इसे लागू करने में कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आ रही हैं. इन समस्याओं का समाधान निकालने के बाद सरकार इसे लागू करने पर विचार कर रही है.
फिलहाल चांदी पर हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिफिकेशन अंकित करने में सबसे बड़ी समस्या है उसका आसानी से चांदी से मिटाया जा सकना. अभी सरकार इस मुद्दे का हल निकालने में जुटी है. इसको लेकर तकनीकी समाधानों पर विचार किया जा रहा है.
यह आईडी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा सत्यापित छह अंकों वाला कोड होता है जिसे किसी भी आभूषण पर दोहराया नहीं जाता.
धोखाधड़ी से सुरक्षा
इस विशेष आईडी से हर आभूषण की ट्रैकिंग संभव होती है. इससे नकली या मिलावटी सोने की पहचान की जा सकती है. इससे ग्राहकों को भारतीय मानक ब्यूरो की प्रमाणिकता का विश्वास मिलता है.
पारदर्शिता
हॉलमार्किंग से आभूषण की पूरी जानकारी उपलब्ध होती है, जैसे आभूषण या सिक्के की शुद्धता, कैरेट कितना है, उसका सही माप और वजन, आभूषण निर्माता और बिक्री स्थान का विवरण.
2021 से लागू है सोने पर यह नियम
भारत में बीआईएस हॉलमार्किंग 16 जून 2021 से लागू है. कुछ क्षेत्रों में हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया जा चुका है. अब आभूषणों पर बीआईएस मार्क, शुद्धता का ग्रेड और आईडी होना जरूरी है. ग्राहक बीआईएस के मोबाइल ऐप या वेबसाइट का उपयोग करके आईडी कोड के जरिए आभूषण की शुद्धता और प्रमाणिकता की जांच कर सकते हैं.