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रेलकर्मी नहीं, निजी कंपनियां सुनेंगी शिकायतें

रेलवे में एक और बदलाव होने जा रहा है. रेलवे कुछ और अहम काम प्राइवेट हाथों में देने जा रहा है.

रेलवे में यात्रियों की शिकायतों, जरूरतों, सुझावों और अन्य जानकारियों के लिए चल रहे एप, पोर्टल, एप्लिकेशन, पेज आदि की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों के हवाले होगी. इसके लिए उत्तर मध्य रेलवे की ओर से टेंडर निकाले गए हैं. प्रयागराज मंडल में 78 लाख रुपये की निविदा जारी की गई है. 13 अक्तूबर को निविदा खुलेगी. रेलवे अफसरों का कहना है कि रेलवे के सभी ऐप रेलवे की निगरानी में ही हैं. सोशल मीडिया मैनेजमेंट एजेंसी इसे संभालेगी. ताकि ऑनलाइन सिस्टम और मजबूर हो. बेहतर मॉनीटरिंग के लिए कंपनी काम करेगी.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म के नियंत्रण और संचालन की जिम्मेदारी रेलवे निजी कंपनियों के हाथों में देने जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आने वाली यात्रियों की शिकायतें निजी एजेंसियां ही सुनेंगी. पोर्टल, क्रू मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), एप्लिकेशन समेत अन्य ऑनलाइन सुविधाओं की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी के हाथ होगी. सोशल मीडिया पर संचालित रेलवे के ऑनलाइन सभी ऐप को प्राइवेट लोग संभालेंगे. ट्रेन में सवार यात्री शिकायत करेगा, अपनी जरूरत बताएगा तो सुनने वाला रेलवे अफसर या कर्मचारी नहीं होगा बल्कि प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी होगा. हां उस बात को उसे आगे रेलवे तक पहुंचाना होगा.

उत्तर मध्य रेलवे की ओर से तीन सालों के लिए ऑनलाइन सिस्टम का काम कंपनियों को सौंपा जा रहा है. यादि यात्री 139 पर कॉल करेगा तो प्राइवेट कंपनियों के आपरेटर ही यात्रियों से बातचीत करेंगे.

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