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डैशबोर्ड पर जलने लगे ये लाइट्स तो हो जायें अलर्ट, जानिए हर इंडीकेटर का मतलब

कार के डैशबोर्ड पर ढेर सारी वॉर्निंग लाइट्स देखने को मिल जाती हैं. कार की सेहत से इनका गहरा नाता होता है. ये लाइट्स गाड़ी के अनफिट होने का संकेत देती हैं. इसलिए वार्निंग लाइट्स के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी होता है. यहां हम आपको कार की ड्राइवर डिस्प्ले में दिखने वाली 6 वॉर्निंग लाइट्स की लिस्ट बता रहे हैं, जिनके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए.

इंजन-ऑयल प्रेशर कम होने पर ये लाइट जलेगी
यह लाइट दो तरह की होती है, येलो और रेड. अगर येलो लाइट ऑन हो तो समझ जाइए की इंजन में ऑयल का लेवल कम है. इस स्थिति में गाड़ी चलाई जा सकती है, यह तब जलती है जब ऑयल मिनिमम लेवल पर आ जाता है. इस कंडीशन में जल्द से जल्द ऑयल टॉप-अप करवा लें. रेड लाइट लगातार जले, तो इस कंडीशन में गाड़ी चलाना खतरनाक हो सकता है. इसलिए जब भी रेड लाइट आपके डैशबोर्ड पर दिखाई दे तो तुरंत गाड़ी बंद करे दें. क्योंकि अगर गाड़ी 15 मिनट तक भी चलती रही तो इंजन सीज हो सकता है. छोटी सी लापरवाही आपका बड़ा नुकसान कर सकती है. अगर लाइट ब्लिंक कर रही है, और RPM बढ़ाने पर बंद हो जा रही है, तो इस कंडीशन में गाड़ी चला कर वर्कशॉप/घर तक लेकर जा सकते हैं. लेकिन लगातार जले तो गाड़ी बंद कर देना ही समझदारी है.

डोर-ओपन वार्निंग लाइट
यह लाइट कार के डैशबोर्ड पर तब दिखाई देती है जब कार का कोई दरवाजा ठीक से बंद नहीं होता है. कई बार कार से उतरने के बाद लोगों को अंदाजा नहीं होता है कि डोर ठीक से बंद हुआ है या नहीं, लेकिन आज की लेटेस्ट कारों में डोर ओपन वार्निंग लाइट भी गेट ओपन होने के बारे में अलर्ट करती है.

सीट बेल्ट वार्निंग लाइट
कार में अगर आप सीट बेल्ट नहीं लगाएंगे तो ये खुद ब खुद वार्निंग देना चालू कर देता है. कार में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य हो चुका है. आमतौर पर सभी कारों में सीट बेल्ट वार्निंग लाइट का आइकन स्पीड मीटर बॉक्स में दिखाई देता है.

एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम
कार का जब एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम और हैंड ब्रेक वार्निंग लाइट खराब होती है तो इसमें लाइट जलती है. लेकिन आपको फिर भी इसे चेक कर लेना चाहिए, ताकि कोई भी दिक्कत हो तो उसे समय रहते ही ठीक कर सके.

बैटरी अलर्ट
इस लाइट का मतलब है कि गाड़ी के चार्जिंग सिस्टम में समस्या है. बैटरी केबल ढीला हो सकता है, खराब अल्टरनेटर हो सकता है या अन्य इलेक्ट्रिकल प्रोब्लम हो सकती है. हो सकता है कि आपकी कार बिल्कुल भी स्टार्ट न हो. एक बार बैटरी का केबल हिला कर देख लें. अगर बात नहीं बनती तो सर्विस सेंटर चले जाएं.

कूलेंट टेंपरेचर कम होने पर जलेगी ये लाइट
इसमें तीन तरह की लाइट होती है-ग्रीन,येलो और रेड. ग्रीन यानी कूलिंग सिस्टम ओके है और इंजन कूल है, इसमें कंडीशन में भी गाड़ी चला सकते हैं. येलो यानी कूलेंट का लेवल कम है, इसे जल्द-से-जल्द टॉपअप कराने की जरूरत है, हालांकि इसे कंडीशन में भी गाड़ी चलाई जा सकती है. लेकिन यदि लाइट रेड जले, तो इस कंडीशन में गाड़ी चलाना भारी पड़ सकता है. रेड लाइट जलने पर यदि गाड़ी चला रहे, तो 15 मिनट के अंदर इंजन सीज हो सकता है या हेड गैस किट फट सकती है. इस कंडीशन में गाड़ी खड़ी कर आधे घंटे इंतजार करने के बाद सावधानी से कूलेंट का ढक्कन खोलें और कूलेंट टॉप-अप करें, उसके नीचे चेक करें कि कही लीकेज तो नहीं है. अगर है तो तुरंत मैकेनिक से सलाह लें. इसलिए कूलेंट टेंपरेचर की रेड लाइट लगातार जले, तो बिल्कुल भी हल्के में न लें.

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