मंदिर में रामलला के चारों भाइयों की होगी स्तुति
अयोध्या. नव निर्मित राम मंदिर की पूजा पद्धति में बदलाव किया गया है. अब रामलला के साथ ही चारों भाइयों की भी स्तुति की जाएगी. पूजा के बाद श्री अयोध्या नाथ व सरयू मैया के भी जयकारे लगेंगे. नए मंदिर के लिए नई रामार्चन की नई संहिता तैयार कर मुख्य पुजारी समेत अन्य पुजारियों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सौंप दी.
22 जनवरी के बाद अब इसी पूजा अर्चना पद्धति के अनुसार रामलला की अराधना की जाएगी. युवराज के रूप में प्रतिष्ठित होने वाले रामलला की सेवा भी राजसी होगी. रामलला की दिनचर्या गज दर्शन व गोदान से होगी.
सुबह से शाम तक अलग अलग स्तुतियां रामलला विराजमान के वर्तमान मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास शास्त्रत्त्ी कहते हैं कि सबसे पहले वाल्मीकि रामायण के एक श्लोक के साथ उन्हें जगाकर उनकी मंगला आरती की जाएगी. इसके बाद शृंगार आरती में भये प्रकट कृपाला दीनदयाला की स्तुति का गान किया जाएगा. इसके बाद राजभोग आरती के बाद भगवान विश्राम करेंगे. इसके बाद उन्हें जगाकर फिर से उत्थापन आरती की जाएगी. सूर्य ढलने के बाद संध्या आरती, फिर शयन आरती होगी.
हर दो घंटे पर गौ दूध, मिष्ठान का भोग लगेगा
भगवान पांच वर्ष के बालक हैं इसलिए वह लंबे समय बैठकर भक्तों को दर्शन नहीं दे सकते. ऐसी स्थिति में उन्हें हर दो घंटे पर गौ दूध, मिष्ठान, मौसमी फल के जूस आदि का भोग लगाया जाएगा. भगवान को भोग लगाते समय उन्हें एकांत प्रदान करने के लिए पर्दा डाला जाएगा. नई संहिता श्रीरामन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरी की अध्यक्षता में हनुमत निवास के महंत मिथिलेश नंदनी शरण, डॉ रामानंद दास, सत्यनारायण दास व दिल्ली के प्रोफेसर जयकांत मिश्र की कमेटी ने संतों से विमर्श के बाद बनाया है.