केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि विकसित भारत का प्रवेश द्वार गुजरात से होकर गुजरता है. पूरे देश के इस विश्वास को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने दावा किया कि मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
शाह ने यहां आयोजित 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में कहा कि नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनते समय भारत दुनिया की 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था. आज यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है.
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, वर्ष 2003 में गांधीनगर से की गई शुरुआत ने भारत को पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया. आज इस आयोजन के साथ 2047 से पहले विकसित भारत का संकल्प पूरा करने के लिए एक नई शुरुआत हो रही है.
पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मदद मिली उन्होंने कहा, इस सम्मेलन ने विचारों और नवाचारों को एक मंच दिया है और निवेश को जमीन पर लाने का काम किया है. इससे न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मदद मिली है. वाइब्रेंट गुजरात के मॉडल को कई राज्यों ने स्वीकार किया है और अपनाया है. शाह ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन ने देश को एक दिशा देने का काम किया है. उन्होंने कहा, 10वें वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन का समापन एक तरह से अमृत काल के संकल्प को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करता है.
26.33 लाख करोड़ के समझौतों पर हस्ताक्षर
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन (वीजीजीएस) में कुल 26.33 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए. इस दौरान कुल 41 हजार 299 परियोजनाओं से संबंधित समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को वीजीजीएस के समापन के बाद सोशल नेटवर्किंग मंच एक्स पर यह जानकारी दी. तीन दिवसीय सम्मेलन का शुक्रवार को अंतिम दिन था. उन्होंने कहा कि यदि कोरोना के कारण स्थगित 2022 के प्रस्तावित वीजीजीएस में हस्ताक्षर वाले एमओयू को जोड़ा जाए तो 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों के साथ 98 हजार 540 एमओयू पर हस्ताक्षर होते.
भारत उत्पादन और निवेश के लिए पसंदीदा देश
भारत उत्पादन और निवेश के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य है और देश के भीतर यह गंतव्य गुजरात है. दुनिया के निवेशक गुजरात और भारत को पसंद करेंगे और इन बुनियादी ढांचे का अधिकतम उपयोग भारत को आगे ले जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने राजनीतिक स्थिरता, भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार, जनकल्याणकारी नीतियां, निवेश-अनुकूल एजेंडा और शांतिपूर्ण माहौल दिया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है.