आदित्य-एल1 के पेलोड ने सौर हवाओं के प्रभाव का पता लगाया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 ने नई जानकारी दी है. इसरो के मुताबिक, आदित्य पर लगे पेलोड के सेंसरों ने सूर्य से आने वाले पहले सौर हवाओं के प्रभाव का पता लगाया है. विज्ञान की भाषा में इसे कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) का प्रभाव कहा जाता है. सूर्य से प्लाज्मा और चुंबकीय तत्वों के निकलने की घटना को सीएमई कहा जाता है. यह कारनामा प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (पापा) नामक पेलोड ने किया है.
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि ‘पापा‘ नामक पेलोड एक ऊर्जा व द्रव्यमान विश्लेषक है, जिसे कम ऊर्जा सीमा में सौर पवन इलेक्ट्रॉन और आयनों के मापन के लिए तैयार किया गया है. विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला एवं वैमानिकी संस्था ने विकसित किया है. एकत्र डाटा के अनुसार, पिछले साल 15 दिसंबर और इस साल 10-11 फरवरी के दौरान सीएमई घटनाओं के बारे में पता चला.
इसरो ने बताया कि ‘पापा’ में दो सेंसर हैं. पहला सेंसर सोलर विंड इलेक्ट्रॉन एनर्जी प्रॉव (स्वीप) 10 ईवी से 3 किलो ईवी की ऊर्जा सीमा में इलेक्ट्रॉनों को मापता है. दूसरा सेंसर एसडब्ल्यूआईसीएआर है.