एआई टूल से बिना फटे बम और गोले तलाश रही सेना

नई दिल्ली: सेना की फायरिंग रेंज, सीमावर्ती इलाकों तथा संघर्ष वाले क्षेत्रों में कई बार बम, ग्रेनेड, गोले, मोर्टार आदि बिना फटे रह जाते हैं, लेकिन जब कुछ अरसे के बाद सैनिक या नागरिक इस क्षेत्र में गुजरते हैं और उनके पैर इन पर पड़ते हैं तो अचानक विस्फोट हो जाता है.लेकिन अब सेना ने कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) आधारित साफ्टवेयर के जरिये ऐसे हथियारों की पहचान करनी शुरू कर दी है.
सेना के सूत्रों के अनुसार, इस एआई आधारित टूल में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाता है. फायरिंग वाले क्षेत्रों में ड्रोन को उड़ाया जाता है तथा इससे प्राप्त होने वाले लाइव फुटेज को एक खास साफ्टवेयर पर चलाया जाता है.साफ्टवेयर फुटेज में बिना फटे, बम, गोलों, मोर्टार आदि की पहचान कर लेता है, साथ ही उसका एक डिजिटल मैप सृजित करता है.इस मैप के आधार पर सेना की टीम संबंधित स्थान पर जाकर बिना फटे बम या गोले को सावधानीपूर्वक उठाकर नष्ट कर देती है. सेना के अनुसार अब इस टूल की फायरिंग रेंज में परीक्षण किया गया है तथा इसकी मदद से फटने से रह गए गोलों को सौ फीसदी सटीकता के साथ बरामद किया गया.