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रोटी-चावल कम, दाल-अंडे ज्यादा खाएं

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) ने भारतीयों के आहार को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों में कहा गया है कि भारतीय अभी जरूरत से ज्यादा अनाज का सेवन कर रहे हैं, उसे कम करना चाहिए. जबकि दाल, सब्जियां अंडे आदि का सेवन कम है जिसे बढ़ाने की जरूरत है.

राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने कहा है कि रोजाना के भोजन में अनाज जैसे गेहूं, चावल आदि की हिस्सेदारी 45 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. जबकि मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि कुल कैलोरी में अनाज की हिस्सेदारी 50-70 फीसदी तक है. दाल, अंडे और मांसाहार से 14-15 कैलोरी ऊर्जा लेने की जरूरत है. जबकि मौजूदा समय में लोग इन स्रोतों से महज 6-9 फीसदी ही भोजन प्राप्त कर पा रहे हैं. इसे बढ़ाने की जरूरत है.

इसके अलावा नट, तेल तथा दुग्ध उत्पादों से 8-10 फीसदी ऊर्जा लेने की आवश्यकता है. फैट की हिस्सेदारी 30 फीसदी से नीचे रखने की बात दिशा-निर्देशों में कही गई है.

राष्ट्रीय पोषण संस्थान का कहना है कि वयस्क व्यक्ति को भोजन से करीब दो हजार कैलोरी ऊर्जा की जरूरत होती है. लोगों में उन खाद्य पदार्थों का सेवन निर्धारित मानकों से कम पाया गया है जो शरीर को सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति करते हैं. इनमें साबुत अनाज, दालें, बीन, नट, ताजा सब्जियां तथा फल आदि शामिल हैं. जबकि परिष्कृत अनाजों का सेवन लोगों में ज्यादा है जिस कारण लोग अस्वास्थ्यकार भोजन कर रहे हैं. इसकी वजह जागरुकता की कमी के साथ-साथ प्रति व्यक्ति अनाज की उपलब्धता बढ़ना एवं दालें तथा अन्य सामग्री की कम होना है.



भारतीयों के आहार को लेकर राष्ट्रीय पोषण संस्थान 17 दिशानिर्देश जारी किए

● संतुलित आहार के लिए विविध प्रकार के खाद्यान्नों का सेवन करें.

● गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं अतिरिक्त आहार सुनिश्चित करें.

● नवजात शिशु को छह महीने तक सिर्फ स्तनपान कराएं. इसे दो साल तक जारी रखें.

● छह महीने के बाद बच्चों को घर में बने अर्ध ठोस भोजन दें.

● बच्चों-किशोरों को पोषक आहार सुनिश्चित करें.

● सब्जियां एवं फलियां भोजन में शामिल करें.

● शारीरिक रूप से सक्रिय रहें तथा नियमित व्यायाम करें.

● नमक का सेवन सीमित करें.

● साफ खाद्यान्न ही लें.

● पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें.

● खाना बनाने और उससे पहले की तैयारियों को लेकर उचित तरीका अपनाएं.

● अधिक मीठे खाद्यानों, पेयों, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें.

● बुजुर्गों के भोजन में ज्यादा पोषक तत्वों वाले खाद्यान्न शामिल करें.

● खाद्य पदार्थों के पैकेट पर लगी लेबलिंग को अवश्यक पढ़ें.

● तेल/वसा कम लें. वसा और फेटी एसिड की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार के तिलहन, नट, पोषक आहार तथा फलियां इस्तेमाल करें.

● खाद्यान्नों के संयोजन से अच्छे प्रोटीन और आवश्यक एमिनो एसिड प्राप्त करें. मांसपेसियों से तैयार होने वाले प्रोटीन से बचें.

● मोटापा, पेट की चर्बी को नियंत्रित रखने के लिए स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाएं.

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